कानपुर पर्यटन स्थल

दर्शनीय स्थल अध्यातमिक स्मारकों और ऐतिहासिक यादों से मिलकर बना है दिलचस्प शहर कानपुर। बहुत सारे इतिहास जुड़े हुए है, यहां की हलचल और मौज लेने का अलग अंदाज हर कनपुरिया की रग-रग में बसा है। उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक आबादी वाले शहर कानपुर में देखने के लिए बहुत से स्थल है।

जे.के मंदिर

आधी सदी पुरना जुग्गीलाल कमलापत मंदिर या राधा कृष्णा मंदिर वास्तव मे कलपुर में देखने के लिए एक अच्छी जगहों में से एक है। जेक मंदिर की सुंदरता देखने में वाकई में बनती है, इस मंदिर में अलग-अलग टावरों मे पाँच मंदिर है जो मंदिर की वास्तुकला की पुरानी अद्भुत शैली को दर्शाते है।


बिठूर

कानपुर, शहर के उत्तर तो एक छोटी ड्राइव बिठूर हैं, जो गंगा किनारे स्थित एक पुराना कस्बा है l यह एक महत्वपूर्ण अध्यात्मिक केंद्र है और हर दिन हजारों हिंदू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इस जगह का पौराणिक महत्व भी कहा है, कहा जाता है ब्रहमा जी ने सृष्टि की रचना के पूर्व यहाँ तपस्या की थी उसी को स्मरण दिलाता है यहाँ का ब्रह्मवर्त घाट l यह स्थान माहार्षि वाल्मीकि की तपोभूमि है तो यही पर ही वाल्मीकि जी द्वारा रामायण की भी रचना हुई है तो यहाँ सीता जी जी भी रहीं है l


गौतम बुद्ध पार्क :

इंदिरा नगर (कल्याणपुर) स्थित गौतम् बुद्ध पार्क कभी सुश्री मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहा है l कानपुर ही नही बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े पार्को मैं शुमार किए जाने वाले 33 एकड़ में बने इस पार्क का शिलान्यास जुलाई 1997 में हुआ था।


कानपुर मेमोरियल चर्च:

यह कानपुर का प्राचीन व ऐतिहासिक चर्च है, जिसे लोकप्रिय रूप से ऑल सोल्स चर्च के रूप मे जाता जता है। एक प्रभावशाली स्थापत्य कला है, जिसका निर्माण 1875 मे उत्तर प्रदेश के कानपुर मे 1857 के विद्रोही सिपाही विद्रोह में अपने प्राण त्योछावर करने वाले ब्रिटिश सैनिकों के साहस और पराक्रम के लिए किया गया था।


नाना राव पार्क

नानाराव पार्क फूलबाग से पश्चिम में स्थित है 1857 में इस पार्क में बीबीघर था। आबादी के बाद पार्क का नाम बदलकर नाना राव पार्क रख दिया गया।


कानपुर संग्रहालय या म्यूजियम :

यह जगह भी कानपुर के आकर्षण का एक केंद्र जो हमे अपने इतिहास से परिचित कराती है। इस संग्राहालय में बड़ी संख्या में कलाकृतिया, स्मृति चिन्ह रखें गए है। जो शहर के उन लोगों का इतिहास बताते है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया यहां का प्रमुख आकर्षण ऐतिहासिक तोप है जो - ब्रिटिश लोगों के समय की है l वर्ष 1999 में स्थापित यह संग्रहालय वर्तमान मे माल रोड पर फूल बाग में स्थित है l


कानपुर जूलोजिकल पार्क :

1971 मे खुला यह चिडियाघर भारत के सर्वोत्तम चिड़ियाघरों में एक है क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा चिडियाघर है। यह कानपुर के मुख्य आकर्षण केंद्रो में से एक है लोग यहां अकसर पिकनिक मनाते घूमने जाते है। यहां हर प्रकार के जानवर, पक्षी आदि देखते को मिलते है। यह का कानपुर के नवाबगंज में स्थित है ।


जाजमऊ

जाजमऊ को प्राचीन काल में सिद्धपुरी के नाम से जाना जाता था। यह स्थान पौराणिक काल के राजा ययति के अधीन था। वर्तमान में यहां सिद्धनाथ का मंदिर है। साथ ही जाजमऊ लोकप्रिय सूफी संत मखदूम शाह अलाउल हक के मकबरे के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मकबरे को 1358 ई. मे फिरोज गाह तुगलक ने बनवाया था। 1679 मे कुली खान द्वारा बनवाई गई मस्जिद, यहां का मुख्य आकर्षण है। 1957 से 58 बीच यहां खुदाई, की गई थी जिसमे अनेक प्राचीन चीजें की प्राप्त हुई थी।


फूल बाग

फूल बाग गणेश उद्यान के नाम से भी जाना जाता है l इस उद्यान के बीच गणेश संकर विद्यार्थी का एक मेमोरियल बना हुआ है l यह पार्क शहर के बीचों बीच माल रोड पर बना है l


आनन्देश्वर मंदिर / परमत:

यह कानपुर का बहुत प्रसिद्ध शिव मंदिर है जो जना अखाड़े से सम्बंधित है l कहा जाता है, इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल के पहले का है। गंगा किनारे करीब तीन एकड़ में बना यह एक प्राचीन मंदिर है तथा कानपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों मे से एक है।